By: D.K Chaudhary
1- ठोस ईंधन का गैसीय ऊर्जा संवाहक में स्थानान्तरण को गैसीकरण कहते हैं।
2- नाइट्रोजन वनस्पति एवं जन्तु प्रोटीन का मुख्य घटक है।
3- लाल फास्फोरस एक मोमी ठोस है जबकि सफेद फास्फोरस अक्रिस्टलीय है। लाल फास्फोरस गन्धहीन होता है जबकि सफेद फास्फोरस लहसुन गंध देता है।
4-सोडियम क्लोराइड की उपस्थिति में प्लास्टर ऑफ पेरिस की स्थापन दर में वृद्वि होती है।
5- कैल्सियम सल्फेट की उपस्थिति जल को कठोर बना देती है और यह पीने योग्य नही होता है।
6- बादलों के वायुमण्डल में तैरने का कारण उनका कम घनत्व का होना है।
7- साधारण बिजली के बल्ब का अपेक्षाकृत अल्पजीवन होता है क्योंकि फिलामेंट का तार एकसमान नही होता तथा बल्ब पूर्ण रूप से निर्वातित नही किया जा सकता।
8- तापमान बढाने से द्रवों की श्यानता (विस्कासिटी) घटती है एवं तापमान बढाने से गैसों की श्यानता बढती है।
9- वायु को सबसे अधिक प्रदूषित कार्बनमोनोक्साइड करता है कार्बनमोनोक्साइड हीमोग्लोबिन के साथ मिलकर उसे ऑक्सीजन अवशोषण के अयोग्य बनाती है। इसलिये इसका वातावरण में इसका पाया जाना खतरनाक होता है।
10- प्रथम विश्व युद्व में मस्टर्ड गैस का प्रयोग एक रासायनिक आयुध के रूप में किया गया था।
11- एल्कोहल, बेन्जीन एवं पेट्रोल के मिश्रण को पावर एल्कोहल कहते हैं।
12- पिक्रिक अम्ल का रासायनिक नाम 2, 3, 6 ट्राइनाइट्रोफिनोल है।
13- ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम, ‘ऊर्जा संरक्षण का नियम’ भी कहलाता है।
14- वे अभिक्रियाऐं जो केवल एक दिशा में होती हैं, अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएं (इर्रिवर्सिबल रिएक्शन्स) कहलातीं हैं।
15- अलवाय में मोनोजाइट को संसाधित करने वाली फैक्ट्री है।
16- हड्डियों और दाँतों में कल्सियम फॉस्फेट होता है।
17-180 ग्राम जल में जल के 10 मोल होते है।
18- इलैक्ट्रान तब तक युग्मित नही होते, जब तक कि उनके लिए प्राप्त रिक्त कक्ष समाप्त ना हो जायें – यह सिद्वान्त हुण्ड का नियम कहलाता हैं।
19- सबसे हल्की धातु लीथियम है।
20- आर्सेनिक एक उपधातु है।
21- कैथोड किरणें, इलैक्ट्रानों की किरण पुंज है।
22- किसी आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा उसके आयतन पर निर्भर करती है।
23- आयरन पायराइटस को ‘झूठा सोना’ कहते हैं।
24- हाइड्रोजन तत्व, सबसे अधिक संख्या में यौगिक बनाता है।
25- हमारे पृथ्वी का भू–भाग ग्रीन हाउस के नाभिकीय परिक्षण के प्रभाव से गर्म होता है।