By: D.K Choudhary
♦ ओजोन मंडल पराबैँगनी किरणोँ को अवशोषित कर पृथ्वी के जीवोँ की रक्षा करता है।
♦ कार्बन डाइऑक्साइड का प्रयोग आग बुझाने के लिए किया जाता है।
♦ पहला हृदय प्रत्यारोपण डॉ. क्रिस्टियन बर्नार्ड द्वारा किया गया था।
♦ भारी जल परमाणु भट्टी मेँ मंदक के रूप मेँ प्रयुक्त होता है।
♦ एबी रूधिर वर्ग वाले मानव को सार्वत्रिक ग्राही तथा ओ रूधिर वर्ग वाले मानव को सार्वत्रिक दाता कहते हैँ।
♦ लाल रूधिर कणिकाओँ का निर्माण अस्थिमज्जा मेँ होता है तथा श्वेत रूधिर कणिकाओँ का निर्माण अस्थिमज्जा, प्लीहा व लसिका कोशिकाओँ मेँ होता है।
♦ रक्त का लाल रंग हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन मेँ मौजूद लौह तत्त्व के कारण होता है।
♦ क्लोरोफार्म का प्रयोग निश्चेतक (बेहोश करने वाला पदार्थ) के रूप मेँ किया जाता है।
♦ मानव शरीर मेँ 206 हड्डियाँ होती हैँ।
♦ टंगस्टन सबसे कठोर पदार्थ होता है।
♦ एंजाइम विशेष प्रकार के प्रोटीन होते हैँ।
♦ हाइड्रोजन परमाणु ही ऐसा परमाणु है जिसके नाभिक मेँ न्यूट्रॉन नहीँ होता।
♦ काँसा ताँबा तथा टिन का बना होता है, गन मैटल ताँबा, टिन तथा लैड का, पीतल ताँबा तथा जस्ते का तथा स्टेनलैस स्टील मेँ लौहा,क्रोमियम, कार्बन तथा निकल मिले होते हैँ।
♦ कोबाल्ट 60 का उपयोग कैँसर रोग मेँ, रेडियो समस्थानिक स्वर्ण 198 का उपयोग रक्त कैँसर के उपचार मेँ किया जाता है।
♦ कैडमियम का नाभिकीय रिएक्टर मेँ शृंखला अभिक्रिया के नियंत्रक के रूप मेँ उपयोग किया जाता है।
♦ सूर्य तथा हाइड्रोजन बम मेँ उत्सर्जित ऊर्जा संलयन प्रक्रिया के उदाहरण हैँ।
♦ वायरस जनित रोग— एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिसिएंसी सिँड्रोम), डेँगू ज्वर, पोलियो, चेचक, पीलिया (हिपैटाइटिस), रेबीज आदि।
♦ जीवाणु जनित रोग— तपेदिक (क्षय), प्लेग, डिप्थीरिया, कोढ़ (कुष्ठ), मोतीझरा, टिटनेस, निमोनिया, हैजा आदि।
♦ आनुवंशिक रोग— हीमोफीलिया, मंगोलिज्म, वर्णांधता आदि।
♦ शुद्ध जल का pH मान 7 होता है।