By: D.K Chaudhary
1- यकृतशोथ – बी (हिपेटाइटिस बी) जो यकृत को प्रभावित करता है वास्तव में एक विषाणु (वायरस) होता है।
2- अग्नाशय मानव शरीर का दूसरा सबसे बडा ग्रन्थि युक्त अंग है एवं यह अन्तःस्रावी एवं बहिस्रावी दोनों प्रकार की ग्रन्थि है।
3- एकबीजपत्री पौधों की पत्तियां संकरी होती है जबकि द्विबीजपत्री पौधो की पत्तियां चौड़ी होती हैं।
4- क्रायोजनिक्स का उपयोग मज्जा कोशिकाओं को संरक्षित रखने में , अत्यन्त कम रक्त बहाये ऑपरेशन में, एवं खाद्य पदार्थ के संरक्षण में किया जा सकता है।
5- सूक्ष्म एवं बड़े दोनो प्रकार के जीवों मे होने वाली प्रक्रिया अवायुवीय श्वसन कहलाती है, केवल सूक्ष्म जीवों मे होने वाली क्रिया किण्वन कहलाती है।
6- उदर के लगा हुआ मानव आंत का लघु ऊपरी भाग गृहणी (ड्यूओडिनम) कहलाता है।
7- रक्त ग्लूकोज स्तर सामान्यतः भाग प्रति मिलियन (ppm) में व्यक्त किया जाता है।
8- ऑक्टोपस एक मृदुकवची (मोल्यूज) है।
9- यदि जल का प्रदूषण वर्तमान गति से होता रहा तो अन्ततः जल पादपों के लिए ऑक्सीजन के अणु अप्राप्य हो जायेगें ।
10- प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में प्रकाश ऊर्जा , रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित होती है ।
11- चिरनोजेम्स मिटटी संसार की सबसे घनी मिट्टी है |
12- कैंसर कोशिकाएँ विकिरणों (रेडिएशन्स) द्वारा सामान्य कोशिकाओं की तुलना में जल्दी नष्ट हो जाती है क्योकि इनमें कोशिका विभाजन तीव्र गति से होता है।
13- पादप विविधता को संरक्षित करने के लिए जैव मण्डल संरक्षण का उपयोग अधिक प्रभावीशाली होता है।
14- आजकल जन्तु कोशिका संवर्धन तकनीक का सर्वाधिक उपयोग वैक्सीन निर्माण में होता है।
15- कृत्रिम पेसमेकर के रोपण का केन्द्र साइयनुएट्रियलनोड होगा।
16- किसी जाति की उत्पत्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण जननात्मक पृथक्करण है।
17- चन्द्रमा पर जीवन न होने का कारण ऑक्सीजन की अनुपस्थिति है।
18- एल0एस0डी0 एक विभ्रमक (हेलूसिनोजेनिक) है।
19- मानव के स्वच्छ मण्डल कार्निया में रक्त का संचरण नहीं होता है।
20- अन्तः प्रद्रव्यी जालिका कोशिका अंगक प्रोटीन के ग्लाइकोसाइलेसन से सम्बन्धित होती है।
21- जेरेन्टोलॉजी वृद्ध अवस्था के अध्ययन को कहा जाता है।
22- पंतगा बारूदी सुरंगो का पता लगाने में उपयोगी होते हैं।
23- सब्जी विज्ञान के अध्ययन को ओलेरीकल्चर कहते है।
24- यीस्ट और मशरूम फफूँद (फंजाई) होते है।
25- पौधे का पत्ती वाला भाग श्वसन करता है।