BY: D.K Chaudhary
अदालत में डाली गई एक याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने भारत में भी यह व्यवस्था लागू करने को कहा, जिसके तहत इंडिगो के तीन एयरबस-320 नियो जहाजों का उड़ना रुक गया। लेकिन बाकी जहाजों के बारे में अदालत द्वारा मांगी गई रिपोर्ट दाखिल करने में डीजीसीए तब तक टालमटोल करता रहा, जबतक 24 फरवरी से 12 मार्च के पखवाड़े में इंडिगो की दो और गोएयर की एक, कुल तीन उड़ानों की बीच रास्ते में इमर्जेंसी लैंडिंग एक इंजन बंद होने के चलते न करानी पड़ गई। यह वाकई खतरनाक स्थिति है। यह सही है कि डबल-इंजन जहाज एक इंजन बंद हो जाने पर भी उड़ते रह सकते हैं, लेकिन यह यात्रियों और चालक दल की जान को जान-बूझकर जोखिम में डालने जैसा ही है। भारत में हवाई परिवहन जितनी तेजी से आगे बढ़ा है, उस हिसाब से इन्फ्रास्ट्रक्चर ठिठका हुआ है और सावधानी बरतने में भी ढिलाई देखी जा रही है। पूर्णकालिक उड्डयन मंत्री के अभाव में सरकार को अभी इस पर ज्यादा सचेत रहना चाहिए।