By : D.K Choudhary
भारतीय संविधान के भाग 5 में अनुच्छेद 52 से 78 तक संघीय या केंद्रीय कार्यपालिका वर्णन है जिसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मंत्रिपरिषद् और महान्यायवादी आते हैं।
राष्ट्रपति भारतीय गणराज्य का संवैधानिक अध्यक्ष होता है। राष्ट्रपति कार्यपालिका का औपचारिक प्रधान होता तथा वास्तविक कार्यकारी मंत्रिमंडल होता हैं।
संविधान के अनुच्छेद 54 के अनुसार राष्ट्रपति का निर्वाचन एक निर्वाचन मंडल के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष रुप से आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के आधार पर एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता हैं।
राष्ट्रपति अपने पद की शपथ सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष लेता है। तथा त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को देता है।
भारत के राष्ट्रपति का कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है। इससे पहले केवल महाभियोग द्वारा ही राष्ट्रपति को हटाया जा सकता है।
अनुच्छेद 72 के अनुसार राष्ट्रपति किसी अपराध के लिए दोषी व्यक्ति को क्षमा कर सकता है, दण्ड को स्थगित कर सकता है या दण्ड में परिवर्तन कर सकता है।
संविधान के अनुच्छेद 74 के अनुसार राष्ट्रपति को परामर्श देने के लिए एक मंत्रिपरिषद् होगी जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा।
संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार भारतीय संसद का निर्माण राष्ट्रपति तथा दोनों सदनों से मिलकर बना है।
संसद = राष्ट्रपति + (लोकसभा +राज्यसभा)
संसद के उच्च सदन को राज्यसभा कहते हैं। राज्यसभा का पदेन सभापति भारत का उपराष्ट्रपति होता है।
राज्यसभा एक स्थायी निकाय है यह कभी पूर्णतः विघटित नहीं होती है। राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है।
लोकसभा को संसद का निम्न सदन कहा जाता है। इसके सदस्य की संख्या अधिकतम 552 हो सकती है अभी वर्तमान में इसकी संख्या 545 है।
लोकसभा एवं राज्यसभा की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करता है ।
लोकसभा सदस्य के लिए उम्मीदवार की आयु 25 वर्ष होना आवश्यक है।
लोकसभा स्थायी सदन नहीं है इसका कार्यकाल पाँच वर्ष होता है।
भारत के उच्चतम न्यायालय के विभिन्न प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 124 से 147 तक है ।
मूल संविधान में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की संख्या 8 थी। 2008 से न्यायाधीशों की संख्या मुख्य न्यायाधीश सहित 1+30 = 31 कर दी गई है ।
संविधान के भाग 15 में अनुच्छेद 324 से 329 तक निर्वाचन एवं निर्वाचन आयोग का वर्णन है।
निर्वाचन आयोग में एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं अन्य निर्वाचन आयुक्त होते हैं जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
भारतीय संविधान में तीन प्रकार के आपातकालीन उपबंध की व्यवस्था है – 1. अनुच्छेद 352 – युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह, 2.
अनुच्छेद 356 – राज्य में संवैधानिक तंत्र का विफल होना, 3. अनुच्छेद 360 – वित्तीय आपात की उद्धोषणा।
भारत में अभी तक कुल तीन बार राष्ट्रीय आपातकाल लगाया जा चुका है ।
संविधान के 44 वें संशोधन अधिनियम 1978 द्वारा आंतरिक अशांति के स्थान पर सशस्त्र विद्रोह शब्द जोड़ा गया।
पंजाब पहला राज्य था जहां राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था एवं सर्वाधिक बार राष्ट्रपति शासन उत्तर प्रदेश में लगाया गया था।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 में राज्यभाषा का विवरण दिया गया है।
संविधान के मूल भाग में केवल 14 भाषाओं को मान्यता दी गई थी, वर्तमान में संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएँ सम्मिलित हैं।