पुलिस पर सवाल 04th Dec 2017 (Editorial page)

By: D.K Chaudhary

अपराध से निपटने के लिए पुलिस को लोगों के सहयोग की जरूरत है और उनको यह दायित्व निभाने में पीछे नहीं रहना चाहिए।

—————
पुलिस पर जनता का विश्वास तभी बनेगा जब कर्मचारी व अधिकारी लोगों की आकांक्षाओं को समझकर दायित्व निभाएंगे व हर मामले की जांच गंभीरता से करेंगे 
——————–
प्रदेश पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है। दुखद है कि पुलिस की चर्चा सकारात्मक कार्य के कारण कम और नकारात्मक पक्ष से ज्यादा हो रही है। मंडी के वनरक्षक होशियार सिंह की मौत और शिमला का बहुचर्चित गुडिय़ा कांड के बाद मंडी में तीन पुलिस कर्मियों समेत पांच लोगों पर मादक पदार्थ रखने का झूठा मामला बनाने की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंप दिया है। कुछ समय पहले शिमला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर किन्नौर के व्यक्ति को प्रताडि़त करने का मामला सामने आया था, जिसमें तंग आकर व्यक्ति ने खुदकुशी कर ली थी। कोटखाई के गुडिय़ा मामले से जुड़े सूरज हत्याकांड में तो जांच करने वाले पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को सीबीआइ ने आरोपी बनाकर चालान पेश कर दिया है। जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए व पुलिस की कार्यप्रणाली में खामियों को देखते हुए हाईकोर्ट ने होशियार व गुडिय़ा मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के हवाले कर दी थी। पुलिस की छवि ऐसे मामलों से निश्चित तौर पर प्रभावित हुई है, तभी तो हर मामले में लोग सीबीआइ की जांच की मांग करने लगे हैं। इसका सीधा सा कारण है कि पुलिस की जांच पर लोग अब विश्वास नहीं कर पा रहे। शिमला में कुछ समय पहले पुलिस महानिदेशक सोमेश गोयल को भी कहना पड़ा था कि प्रदेश पुलिस को सुधार लाने की जरूरत है ताकि लोगों को विश्वास पर खरा उतरा जा सके। इसके लिए पुलिस प्रशासन में कुछ सुधार किए जाएंगे और लोगों को साथ जोडऩे की दिशा में पहल की जाएगी। लेकिन पुलिस को जनता का विश्वास हासिल करना है तो कहने की जगह करने पर जोर देना होगा। पुलिस प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना होगा कि किसी भी मामले की जांच करते समय ऐसी चूक न रहे, जो उनके लिए सिरदर्द साबित हो। पुलिस को जनता का रक्षक माना जाता है व उसे इस भूमिका को निभाने में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। संवेदनशील मामलों में अधिक गंभीरता बरती जानी चाहिए और जांच में हर पहलू को शामिल करना चाहिए। अपराध से निपटने के लिए पुलिस को लोगों के सहयोग की जरूरत है और उनको यह दायित्व निभाने में पीछे नहीं रहना चाहिए। पुलिस पर विश्वास तभी बनेगा जब विभागीय कर्मचारी लोगों की आकांक्षाओं को समझकर दायित्व निभाएंगे और हर मामले की जांच में गंभीरता अपनाएंगे। पुलिस के प्रति लोगों में अविश्वास की स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए। यह न लोगों के हित में है और न ही पुलिस के

About D.K Chaudhary

Polityadda the Vision does not only “train” candidates for the Civil Services, it makes them effective members of a Knowledge Community. Polityadda the Vision enrolls candidates possessing the necessary potential to compete at the Civil Services Examination. It organizes them in the form of a fraternity striving to achieve success in the Civil Services Exam. Content Publish By D.K. Chaudhary

Check Also

चुनाव में शरीफ Editorial page 23rd July 2018

By: D.K Chaudhary लाहौर के अल्लामा इकबाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज …