By: D.K Chaudhary
चुनावी राजनीति में अपराधियों का प्रवेश न हो पाए, इसके लिए चुनाव आयोग ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि दोषी ठहराए गए सांसद या विधायक पर चुनाव लड़ने के लिए आजीवन प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर उलट रुख अख्तियार किया और कहा कि वह दोषी जनप्रतिनिधि के आजीवन चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है। जाहिर है, सरकार भी नहीं चाहती कि दोषी नेताओं के खिलाफ ज्यादा सख्त कदम उठाया जाए। यह रुख साबित करता है कि सरकार कहीं न कहीं किसी अपराध के आरोपी नेताओं को संरक्षण देने की मंशा रखती है। अगर विशेष अदालतों में दागी नेताओं के मुकदमों का फैसला जल्दी होने लगे और दोषी पाए जाने की सूरत में इन्हें चुनाव लड़ने से रोका जा सके तो राजनीति को स्वच्छ बना पाना कोई मुश्किल काम नहीं है!