homescontents

जवाबदेही की राह Editorial page 10th July 2018

By: D.K Chaudhary
 
यह राहत की बात है कि सोशल मीडिया खुद ही अपना दुरुपयोग रोकने के लिए कमर कस रहा है। फेसबुक ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान वह अपने नेटवर्क के माध्यम से झूठे अभियान और फेक न्यूज पर रोक लगाएगा, वहीं वॉट्सऐप ने गलत जानकारी का प्रसार रोकने के लिए शोध को प्रोत्साहन देने की बात कही है। पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया दबाव में है। इसके गलत इस्तेमाल का मुद्दा पूरी दुनिया में जोर-शोर से उठाया जा रहा है। इसी कारण माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को पिछले दो महीनों में 7 करोड़ फर्जी अकाउंट्स बंद करने पड़े। इनके जरिए हिंसा और अराजकता फैलाई जा रही थी। 
कहा जा रहा है कि अमेरिकी संसद ने इन खातों पर कार्रवाई के लिए ट्विटर पर दबाव बनाया था। जहां तक भारत का प्रश्न है तो एक तरफ सोशल मीडिया के जरिए फैलाई गई अफवाह से हिंसा और अराजकता की कई घटनाएं घटीं, दूसरी तरफ इनसे चुनावों को प्रभावित किए जाने की भी आशंका है। गौरतलब है कि वॉट्सऐप द्वारा फैलाई गई अफवाहों के कारण देश में पिछले दिनों मॉब लिंचिंग के कई हादसे हुए। इन्हें देखते हुए सरकार ने मंगलवार को वॉट्सऐप को सख्ती से कहा कि वह अपने मंच पर गैरजिम्मेदार तथा भड़काऊ संदेशों का प्रसार रोकने के उपाय करे। वॉट्सऐप ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उसने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि स्वतंत्र शोधकर्ता के रूप में जो व्यक्ति उसके प्लैटफॉर्म पर दुष्प्रचार वाली खबरों का अध्ययन कर उनमें कमी लाने के तरीके बताएगा, उसे 50 हजार डॉलर का इनाम दिया जाएगा। 
इसी साल मार्च में फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका विवाद सामने आया था। कैंब्रिज एनालिटिका पर 8 करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारियां हासिल कर उनका दुरुपयोग करने का आरोप लगा था। यही कंपनी डॉनल्ड ट्रंप का चुनावी प्रचार मैनेज कर रही थी। इसके बाद से ही फेसबुक लपेटे में आ गया। इस मामले में उसे माफी मांगनी पड़ी। फिर भी जैसे-जैसे 2019 के लोकसभा चुनाव करीबी आ रहे हैं यह आशंका जोर पकड़ती जा रही है कि कहीं जाने अनजाने फेसबुक दोबारा चुनाव नतीजों को प्रभावित करने का जरिया न बन जाए। केंद्र सरकार उसे चेतावनी दे चुकी है कि अगर ऐसा कोई संकेत भी मिला तो उसके लिए अच्छा नहीं होगा। 
बहरहाल अब यह बात सामने आई है कि फेसबुक के ग्लोबल मैनेजर (राजनीति और सरकारी आउटरीच) केटी हार्बाथ ने कुछ महीने पहले सियोल में एक बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत को आश्वस्त किया कि फेसबुक चुनाव के दौरान फर्जी खबरों पर रोक लगाएगा। ट्विटर और फेसबुक की इन पहलों का स्वागत करते हुए भी यह भूलना नहीं चाहिए कि उनके इन कदमों के पीछे उन पर पड़े जनदबाव की अहम भूमिका है। सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने की यह प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। 

About D.K Chaudhary

Polityadda the Vision does not only “train” candidates for the Civil Services, it makes them effective members of a Knowledge Community. Polityadda the Vision enrolls candidates possessing the necessary potential to compete at the Civil Services Examination. It organizes them in the form of a fraternity striving to achieve success in the Civil Services Exam. Content Publish By D.K. Chaudhary

Check Also

चुनाव में शरीफ Editorial page 23rd July 2018

By: D.K Chaudhary लाहौर के अल्लामा इकबाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज …