By: D.K Choudhary
हरित क्रांति : हरित क्रांति का सम्बन्ध कृषि क्षेत्र में उत्पादन तकनीक के सुधार एवं कृषि उत्पादकता में वृद्धि करने से है |इस क्रांति का श्रेय मैक्सिको के डा. नॉर्मन बोरलॉग और भारत के डा.एम.एस. स्वामीनाथन को जाता है |
पीली क्रांति : खाद्य तेलों और तिलहन फसलों के उत्पादन के क्षेत्र में अनुसन्धान और विकास |
श्वेत क्रांति : दूध के क्षेत्र में क्रांति उत्पन्न करके उत्पादकता बढ़ाने के कार्यक्रमों को ही श्वेत क्रांति का नाम दिया गया |श्वेत क्रांति की गति को और तेज करने के उद्देश्य से ‘ऑपरेशन फ्लड’ नमक योजना आरम्भ की गयी | इस क्रांति का श्रेय भारत के डा. वर्गीस कुरियन को जाता है |
नीली क्रांति : मछली उत्पादन के क्षेत्र में हुई प्रगति को नीली क्रांति के रूप में जाना जाता है|
गुलाबी क्रांति : गुलाबी क्रांति झींगा मछली के उत्पादन से सबंधित है |
रजत क्रांति : रजत क्रांति का सबंध अंडे उत्पादन से है |
भूरी क्रांति : उर्वरक उत्पादन और गैर-परंपरागत ईंधन के उत्पादन के क्षेत्र में हुई प्रगति को भूरी क्रांति के रूप में जाना जाता है |
सुनहरी क्रांति : सुनहरी क्रांति का सम्बन्ध फल उत्पादन से है।
बादामी क्रांति : बादामी क्रांति का सबंध मसाले उत्पादन से है।
लाल क्रांति : लाल क्रांति का सबंध मांस और टमाटर के उत्पादन से है।
इन्द्रधनुष क्रांति : इन्द्रधनुष क्रांति का सम्बन्ध सभी क्षेत्रों के उत्पादन में वृद्धि करने से है।
अमृत क्रांति : अमृत क्रांति का सम्बन्ध नदी जोड़ो परियोजना से है। सभी क्रांतियोँ पर निगरानी रखने हेतु क्रांति है ।
कृष्ण क्रांति — पेट्रोलियम उत्पादन को बढ़ावा देने से सम्बंधित है।
गोल क्रांति — काली मिर्च के व्यापार को समृद्ध करने से सम्बंधित है।