By: D.K Chaudhary
सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी मिलती है लेकिन फिर भी अपराधियों तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंचते।
लुधियाना में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की शाखा के मुख्य शिक्षक की हत्या ने न सिर्फ पंजाब में कानून-व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है बल्कि एक-एक करके हिंदूू संगठनों से जुड़े लोगों या अन्य धार्मिक हस्तियों को निशाना बनाए जाने से चिंताजनक स्थिति भी पैदा कर दी है। संघ की शाखा के मुख्य शिक्षक रविंदर गोसाईं को मंगलवार सुबह दो नकाबपोश बाइक सवारों ने गोली मार दी। रविंदर उस समय शाखा से लौटे थे और घर के बाहर थे। इस घटना के बाद संघ व अन्य हिंदूू संगठनों के कार्यकर्ताओं का क्षुब्ध होना स्वाभाविक था। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले दो साल में ही धार्मिक संगठनों से जुड़े लोगों को निशाना बनाए जाने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। लुधियाना में ही कुछ समय पहले एक पास्टर की हत्या इसी तरह घर के बाहर हुई थी। मालेरकोटला के पास फरवरी में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी व उनके बेटे की हत्या कर दी गई थी।
लुधियाना में ही जनवरी में श्री दुर्गा माता मंदिर के बाहर हिंदूू तख्त के जिला प्रधान की भी हत्या हुई। उससे पूर्व जालंधर में पिछले साल ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा की सरे बाजार हत्या की गई। इससे पहले भी कई धार्मिक नेताओं की हत्याएं हुई हैं। शर्मनाक है कि पुलिस अपराधियों को पहचानने व पकड़ने में असफल रही है। गगनेजा मामले में तो सरकार ने यह कह दिया था कि इसके पीछे पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ भी हो सकता है। यह गौर करने लायक बात है कि इनमें ज्यादातर हत्याओं में एक सा तरीका अपनाया गया। पुलिस इन शहरों में नाके व गश्त पर जवानों के हर पल मुस्तैद रहने के दावे करती है। ऐसी घटनाएं होती हैं तो यह नाके, वायरलेस सिस्टम, गश्त पर तैनात पुलिस कहां चली जाती है?
सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी मिलती है लेकिन फिर भी अपराधियों तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंचते। क्योंकि पहली एक-दो घटनाओं में पुलिस अपराधियों का कुछ नहीं बिगाड़ सकी, इसलिए अब इस तरह से घटना को अंजाम देने वालों को हौसले बढ़ रहे हैं। पंजाब पुलिस ने गगनेजा हत्याकांड समेत कई मामले एसआइटी या सीबीआई को सौंप दिए हैं लेकिन वह भी इनकी गुत्थी सुलझाने में असफल रही है। लगातार ऐसी घटनाएं प्रदेश की शांति को भंग करने वाली और दहशत बढ़ाने वाली हैं। इसलिए पंजाब सरकार को चाहिए कि वह गोसाईं समेत पूर्व में हुए हत्याकांडों को सुलझाने के लिए पुलिस व सीबीआइ पर दबाव बनाए।