और अब पहलकदमी Editorial page 12th June 2018

By: D.K Chaudhary

 जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कई अहम घोषणाएं की हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि इनसे राज्य के माहौल को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य के लिए नौ बटालियनों के गठन का ऐलान किया है। दो बटालियनें अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा से 0 से 10 किमी तक के हिस्से की सुरक्षा के लिए तैयार की जाएंगी। इनका नाम बॉर्डर बटालियन होगा। बाकी 7 बटालियनों में दो महिला बटालियनें भी होंगी जिनमें से एक की तैनाती जम्मू और दूसरी की कश्मीर इलाके में की जाएगी। इन बटालियनों में 5 हजार से ज्यादा नियुक्तियां की जाएंगी। गृह मंत्री के मुताबिक 60 फीसदी नियुक्तियां अंतरराष्ट्रीय सीमा से 10 किमी तक के दायरे में रहने वाले इलाकों के लोगों के लिए आरक्षित रहेंगी। पहले सीमा पर गोलीबारी में किसी तरह की कैजुअल्टी होने पर 75 हजार या एक लाख रुपये मुआवजा देने की व्यवस्था थी, जिसे बढ़ाकर अब 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इसे प्राप्त करने की न्यूनतम अवधि की समय सीमा भी समाप्त कर दी गई है। 

पश्चिम पाकिस्तान से आकर जम्मू-कश्मीर में बसने वाले प्रत्येक शरणार्थी परिवार को साढ़े 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। पहले गोलीबारी या किसी घटना में जानवरों के मरने पर 30 हजार प्रति पशु मुआवजा मिलता था, लेकिन अब इसको बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही मुआवजा देने के लिए तीन जानवरों की सीमा को भी खत्म कर दिया गया है। राजनाथ सिंह ने एक अन्य घोषणा में कहा कि कश्मीरी विस्थापितों को दी जाने वाली नकदी सहायता 30 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई है और अब प्रत्येक परिवार को वर्तमान 10 हजार रुपये के बदले 13 हजार रुपये मिलेंगे। 

जम्मू-कश्मीर के लिए अभी ऐसी ही ठोस पहलकदमियों की जरूरत है। राज्य के लोगों को यह अहसास दिलाना जरूरी है कि केंद्र सरकार उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। रमजान के दौरान सीजफायर का ऐलान कर केंद्र सरकार ने ऐसा संकेत दिया था। अब केंद्रीय गृह मंत्री ने अहम घोषणाएं कर लोगों में विश्वास बहाल करने की कोशिश की है और शांति कायम करने की प्रतिबद्धता भी जताई है। दरअसल राज्य में रोजी-रोजगार के संकट का ही अलगाववादियों ने फायदा उठाया है। इसलिए वहां युवाओं के लिए रोजगार पैदा करना और विकास कार्यों को गति देना जरूरी है। इस दृष्टि से बटालियनों के गठन में स्थानीय युवाओं को आरक्षण देने का कदम महत्वपूर्ण है। पत्थरबाजी में पहली बार लिप्त नौजवानों को माफी देकर और राज्य के खिलाड़ियों को सम्मानित करके भी केंद्र सरकार ने युवाओं का दिल जीतने की कोशिश की है और यह संदेश भी दिया है कि वह उनकी बेहतरी के लिए तत्पर है। यह प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए और स्थायी अमन-चैन के लिए सभी संबद्ध पक्षों से बातचीत के लिए माहौल भी तैयार करना चाहिए। 

 

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