आजाद भारत का पहला भाषन 16th Oct 2017 (Motivational speech)

Post By: D.K Choudhary

आजाद भारत का पहला भाषन “TRYST WITH DESTINY” Famous Speeches in History

Famous Speeches in History

 

Famous Speeches in History- भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु उन महापुरुषों में से एक है, जिन्होंने अपने भाषणों से हजारो लोगो को प्रेरित किया है। किस्मत के साथ एक वादा यह भाषण नेहरू ने आज़ाद भारत को 14 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को दिया। था1 उन्होंने अपने भाषण में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ किये गए दशको तक संघर्ष के बारे में बताया था। तो आइये जानते है पंडित जवाहरलाल नेहरु के पूरे भाषण को जो उन्‍होंने आजाद भारतवासियों  को दिया था। “TRYST WITH DESTINY”

कई सालों पहले, हमने नियति से एक वादा किया था, और अब समय आ गया है कि हम अपना वादा निभायें, पूरी तरह न सही पर बहुत हद तक तो निभायें। आधी रात के समय, जब दुनिया सो रही होगी, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जाग जाएगा। ऐसा क्षण आता है, मगर इतिहास में विरले ही आता है, जब हम पुराने से बाहर निकल नए युग में कदम रखते हैं, जब एक युग समाप्त हो जाता है, जब एक देश की लम्बे समय से दबी हुई आत्मा मुक्त होती है। यह संयोग ही है कि इस पवित्र अवसर पर हम भारत और उसके लोगों की सेवा करने के लिए तथा सबसे बढ़कर मानवता की सेवा करने के लिए समर्पित होने की प्रतिज्ञा कर रहे हैं।…आज हम दुर्भाग्य के एक युग को समाप्त कर रहे हैं और भारत पुनः स्वयं को खोज पा रहा है। आज हम जिस उपलब्धि का उत्सव मना रहे हैं, वो केवल एक क़दम है, नए अवसरों के खुलने का। इससे भी बड़ी विजय और उपलब्धियां हमारी प्रतीक्षा कर रही हैं।भारत की सेवा का अर्थ है लाखों-करोड़ों पीड़ितों की सेवा करना। इसका अर्थ है निर्धनता, अज्ञानता, और अवसर की असमानता मिटाना। हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की यही इच्छा है कि हर आँख से आंसू मिटे। संभवतः ये हमारे लिए संभव न हो पर जब तक लोगों कि आंखों में आंसू हैं, तब तक हमारा कार्य समाप्त नहीं होगा। आज एक बार फिर वर्षों के संघर्ष के बाद, भारत जागृत और स्वतंत्र है। भविष्य हमें बुला रहा है। हमें कहाँ जाना चाहिए और हमें क्या करना चाहिए, जिससे हम आम आदमी, किसानों और श्रमिकों के लिए स्वतंत्रता और अवसर ला सकें, हम निर्धनता मिटा, एक समृद्ध, लोकतान्त्रिक और प्रगतिशील देश बना सकें। हम ऐसी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संस्थाओं को बना सकें जो प्रत्येक स्त्री-पुरुष के लिए जीवन की परिपूर्णता और न्याय सुनिश्चित कर सके? कोई भी देश तब तक महान नहीं बन सकता जब तक उसके लोगों की सोच या कर्म संकीर्ण हैं।

जय हिंद!

पंडित जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें बच्चे ‘चाचा नेहरू‘ के नाम से भी जानते हैं का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। जवाहर लाल नेहरू कश्मीरी पंडित थे। इनको आजाद भारत का पहला प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त था।

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